इतिहास का विकृतिकरण
इतिहास का विकृतिकरण भारतका गौरवशाली इतिहास, शिक्षण और समाज व्यवस्था : 'दुर्लभं भारते जन्म' भारतमे जन्म मिले इसमें अपना गौरव मानने वालों की यह पावनभूमि है। विश्वकी पुरातन सभ्यता-संस्कृतियों में सबसे पुरातन हमारी भारतिय सभ्यता जो भौतिक रूपसे सिंधु घाटी की सभ्यता के रूपमे जानी जाती है। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो और भारतके अन्य प्रांतों में खुदाई से मिले अवशेष इस बात का प्रमाण है। वैदिक काल से लेकर आजतक का गौरवशाली इतिहास प्रेरणादायक अवतारों, ऋषिमुनियों, मनीषीयों, आचार्यो, विद्वान तत्वचिंतक महापुरुषोंके न केवल विचारों से परंतु उनके कर्मयोग से देदीप्यमान है। जीवनके सर्वागीण विकासार्थ आचार विचार व्यवहार में मार्गदर्शन करने वाले हमारे वेद, उपनिषद, गीता जो विश्व को मार्गदर्शन कर भारतको विश्वगुरु बनानेमें समर्थ है एवं सतत विश्व को मार्गदर्शन करते आये है। विदेशी आक्रमण के पश्चात पिछली 6-7 सदियों से वैदिक तत्वज्ञान और वाङ्मय का प्रभाव जरूर कम हुआ है। यह समजने के लिए हमे पीछे मुड़कर देखना होंगा की ऐसा क्यों हुआ? लेकिन यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नही होंगी की 'Max Müller मैक्स मुलर