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Showing posts from January, 2018

इतिहास का विकृतिकरण

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इतिहास का विकृतिकरण भारतका गौरवशाली इतिहास, शिक्षण और समाज व्यवस्था : 'दुर्लभं भारते जन्म' भारतमे जन्म मिले इसमें अपना गौरव मानने वालों की यह पावनभूमि है। विश्वकी पुरातन सभ्यता-संस्कृतियों में सबसे पुरातन हमारी भारतिय सभ्यता जो भौतिक रूपसे सिंधु घाटी की सभ्यता के रूपमे जानी जाती है। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो और भारतके अन्य प्रांतों में खुदाई से मिले अवशेष इस बात का प्रमाण है। वैदिक काल से  लेकर आजतक का गौरवशाली इतिहास प्रेरणादायक अवतारों, ऋषिमुनियों, मनीषीयों, आचार्यो, विद्वान तत्वचिंतक महापुरुषोंके न केवल विचारों से परंतु उनके कर्मयोग से देदीप्यमान है। जीवनके सर्वागीण विकासार्थ आचार विचार व्यवहार में मार्गदर्शन करने वाले हमारे वेद, उपनिषद, गीता जो विश्व को मार्गदर्शन कर भारतको विश्वगुरु बनानेमें समर्थ है एवं सतत विश्व को मार्गदर्शन करते आये है।  विदेशी आक्रमण के पश्चात पिछली  6-7 सदियों से वैदिक तत्वज्ञान और वाङ्मय का प्रभाव जरूर कम हुआ है। यह समजने के लिए हमे पीछे मुड़कर देखना होंगा की ऐसा क्यों हुआ? लेकिन यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नही होंगी की 'Max Müller मैक्स मुलर

मेरा देश बदल रहा है

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विश्व आर्थिक मंच दावोस स्विट्जरलैंड 23.1.2018 मित्रो, कल विश्व आर्थिक मंच सम्मेलन, दावोस स्विट्जरलैंड में हमारे प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदीजी के उद्घाटन भाषणकी राहुल गांधी की प्रतिक्रिया से मुझे कोई आश्चर्य नही हुआ। कल दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच सम्मेलन के उद्घाटन भाषण को सुनकर केवल मेंरीे ही नही परंतु सभी देशभक्त नागरिकों की छाती गजभर फूलकर अपने आपको सबने गौरनावित अनुभूति किया है। विश्व अब अन्तःकरण से भारतका महत्व और सनातन मूल्यों को समझने लगा है। और यह गौरव भारत ने मात्र 3 सालो की अल्पावधि में हमारे प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी के पुरुषार्थ और करिश्माई नेतृत्व से पाया है यह बात विश्व स्वीकारने लगा है। केवल भारत ही नही वैश्विक फलक पर  नरेंद्र मोदीजी भारतके प्रधानमंत्री के साथ साथ व्यक्ति के रूपमे विश्वमे अपनी पहेचान बनाकर सबके दिलोदिमाग में एक विशेष स्थान बनाते जा रहे है। हाल के वैश्विक सर्वे में विश्व की सबसे बड़ी दो महासत्ता अमेरिका और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन को पीछे छोड़ विश्वके सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली राष्ट्राध्

तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूँगा

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तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूँगा। यह नारा बुलंद करने वाले आझाद हिंद फौज के सेनापति, महामना नेताजी सुभाषचंद्र बोस के 121 वे जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं एवं ढेरों बधाइयां। आओ आज हम सब साथ मिलकर नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जन्मदिन पर उनके जीवनकी प्रसिद्धि से दूर कुछ अनसुनी झलकियां जान - समजकर उनके कर्मयोग को याद कर उनके जन्मदिन पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धासुमन अर्पण करें।  महापुरुषों के जन्मदिन पर उन्हें याद कर केवल फोटो और शाब्दिक श्रद्धांजलि से आगे उनका जीवनकवन ही उन्के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस : भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता, आज़ाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनानी सुभाष चन्द्र बोस (बांग्ला: সুভাষ চন্দ্র বসু उच्चारण: शुभाष चॉन्द्रो बोशु, जन्म: 23 जनवरी 1897, मृत्यु: 18 अगस्त 1945 【अनसुलझी पहेली】) जो नेताजी के नाम से भी जाने जाते हैं, भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिये, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था। उनके द्वारा दिया गया जय हि

'ज्यूरी' लोकतांत्रिक न्यायपालिका

मित्रों, इस चर्चा में हम ज्यूरी सिस्टम याने प्रजा आधारित न्यायतंत्र या आम नागरिको द्वारा भर्स्ट को सजा देने के अधिकारके बारे में बात करेंगें। प्राचीन भारतमे ग्रामसभा या जनपदों के पास यह अधिकार रहता था की वह: क्या है Jury System इस लेख को पूरा पढ़ें। जूरी सिस्टम = प्रजा एवम नागरिक आधीन न्यायतंत्र। * किसी राजा को अयोग्य होने पर निकाल सकते थे। * या राजा के प्रजा या देशहित के विरुद्ध दिए हुए गलत न्याय या फैसले को रद्द कर सकते थे। * अगर राजा ऐसी ग्रामसभा या जनपदों के फैसलों को मानने से इनकार करदे तो राजा को बहुमत से सजा या फांसी दे सकते थे। भारतके स्कूल कॉलेजों में यह पुरातन न्यायप्रणाली नही पढ़ाई जाती, क्योंकि आज के भर्स्ट नेता जानते है कि ऐसी न्यायप्रणाली से उनके गोरखधंधे नही चल पायेंगे। 1956 में भ्रस्ट जवाहर लाल नेहरु ने #Jury_System को बर्खास्त करके Corrupt Judge System को Implement किया। आप लोगो ने नानावटी आहूजा केस सुना होगा। दोस्तों आज मै आपको एक राज बताने जा रही हूँ, देश आजाद होने के 9 साल तक हमारे संविधान में न्याय मिलने का एक मात्र साधन था Jury System. 19