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Showing posts from October, 2018

विभूति दर्शन ' ऋतुनाम कुसमाकर वसंत '

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🙏  सुप्रभात, आज अश्विन कृष्ण पक्ष सप्तमी दिनांक ३१.१०.२०१८ बुधवार  🙏 🕉 #कृष्णं_वंदे_जगद्गुरूम् 🕉   वसंत ऋतु श्रीमद्भगवगिता में अपनी दैवीसंपदा एवं विभूति दर्शन में प्रभु ने कहा है : #बृहत्साम_तथा_साम्नां_गायत्री_छन्दसामहम्‌। #मासानां_मार्गशीर्षोऽहमृतूनां_कुसुमाकर:॥ (भ ग १०/३५) भावार्थ :  गाई जानेवाली श्रुतियों में सामवेद के प्रकरणों में जो बृहत्साम नामक प्रधान प्रकरण है वह मैं हूँ। छन्दोंमें मैं गायत्री छन्द हूँ अर्थात् जो गायत्री आदि छन्दोबद्ध ऋचाएँ हैं उनमें गायत्री नामक ऋचा मैं हूँ। महीनोंमें मार्गशीर्ष नामक महीना और ऋतुओंमें बसन्त ऋतु मैं हूँ।) श्रीमद् भगवद्गीता मे प्रभु ने कहा है : #ऋतनाम्_कुसुमाकरः ऋतुओं में मैं वसंत ऋतु हुं। माघ महीने की शुक्ल पंचमी से वसंत की शुरुआत हो जाती है। वसंत का उत्सव प्रकृति की पूजा का उत्सव है। सदैव सुंदर दिखने वाली प्रकृति वसंत ऋतु में सोलह कलाओं में दीप्‍त हो उठती है। #यौवन_हमारे_जीवनका_मधुमास_वसंत है तो #वसंत_यह_सृष्टिका_यौवन है।   वसंत ऋतु शीत ऋतु के बाद आती हैं। भारत में फरवरी - मार्च माह में इसका आगमन होत

विभूति दर्शन ' मार्गशीस ' मास

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आज अश्विन कृष्ण पक्ष षष्ठी दिनांक ३०.१०.२०१८ मंगलवार 🕉 #कृष्णं_वंदे_जगद्गुरूम् 🕉   मासानां मार्गशीर्षोऽहं 🙏  सुप्रभात  🙏 श्रीमद्भगवगिता में अपनी दैवीसंपदा एवं विभूति दर्शन में प्रभु ने कहा है : #बृहत्साम_तथा_साम्नां_गायत्री_छन्दसामहम्‌। #मासानां_मार्गशीर्षोऽहमृतूनां_कुसुमाकर:॥ (भ ग १०/३५) भावार्थ :  गाई जानेवाली श्रुतियों में सामवेद के प्रकरणों में जो बृहत्साम नामक प्रधान प्रकरण है वह मैं हूँ। छन्दोंमें मैं गायत्री छन्द हूँ अर्थात् जो गायत्री आदि छन्दोबद्ध ऋचाएँ हैं उनमें गायत्री नामक ऋचा मैं हूँ। महीनोंमें मार्गशीर्ष नामक महीना और ऋतुओंमें बसन्त ऋतु मैं हूँ।) श्रीमद्भगवद्गीता मे प्रभु ने कहा है # मासानां_मार्गशीर्षोऽहं "मैं सभी महिनों में मार्गशीर्ष माह हुं।" हिन्दु पंचांग के अनुसार दिपावली अश्विन माह की अमावस्या के दिन होतीं हैं। तत्पश्चात कार्तिक मास और उसके बाद मार्गशीर्ष मास का प्रारंभ होता है। सामान्य रूप से यह मास अंग्रेजी केलेंडर के अनुसार डिसेंबर महिने में आता है। #मार्गशीर्ष को #अग्रहायण नाम भी दिया गया है। अग्रहायण का शाब्दिक अर्थ है -

विभूति दर्शन ' गायत्री छन्दसामहम्‌ '

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आज अश्विन कृष्ण पक्ष पंचमी दिनांक २९.१०.२०१८ सोमवार 🕉 #कृष्णं_वंदे_जगद्गुरूम् 🕉   🙏 सुप्रभात  🙏 वेदमाता गायत्रि श्रीमद्भगवगिता में अपनी दैवीसंपदा एवं विभूति दर्शन में प्रभु ने कहा है : #बृहत्साम_तथा_साम्नां_गायत्री_छन्दसामहम्‌। #मासानां_मार्गशीर्षोऽहमृतूनां_कुसुमाकर:॥ (भ ग १०/३५) भावार्थ :  गाई जानेवाली श्रुतियों में सामवेद के प्रकरणों में जो बृहत्साम नामक प्रधान प्रकरण है वह मैं हूँ। छन्दोंमें मैं गायत्री छन्द हूँ अर्थात् जो गायत्री आदि छन्दोबद्ध ऋचाएँ हैं उनमें गायत्री नामक ऋचा मैं हूँ। महीनोंमें मार्गशीर्ष नामक महीना और ऋतुओंमें बसन्त ऋतु मैं हूँ।) #बृहत्साम_तथा_साम्नां का चिंतन हमने कीया, तत्पश्चात हम प्रभु की विभूति #गायत्री_छन्दसामहम्‌ का चिंतन करने का प्रयास करेंगे।              #गायत्रीमंत्र #ॐ_भूर्भूवः_स्वः। #तत्सवितुर्वरेण्यम्। #भर्गो_देवस्य_धीमही। #धियो_योनः_प्रचोदयात्। (भावार्थ : उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपनी अन्तरात्मा में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित

विभूति दर्शन बृहत्साम तथा साम्नां

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आज अश्विन कृष्ण पक्ष चतुर्थी दिनांक २८.१०.२०१८ रविवार 🕉 कृष्णं_वंदे_जगद्गुरूम् 🕉     🙏  सुप्रभात  🙏 श्रीमद्भगवगिता में अपनी दैवी संपदा एवं विभूति दर्शन में प्रभु ने कहा है #बृहत्साम_तथा_साम्नां_गायत्री_छन्दसामहम्‌। #मासानां_मार्गशीर्षोऽहमृतूनां_कुसुमाकर:॥ (भ ग १०/३५) भावार्थ :  गाई जानेवाली श्रुतियों में सामवेद के प्रकरणों में जो बृहत्साम नामक प्रधान प्रकरण है वह मैं हूँ। छन्दोंमें मैं गायत्री छन्द हूँ अर्थात् जो गायत्री आदि छन्दोबद्ध ऋचाएँ हैं उनमें गायत्री नामक ऋचा मैं हूँ। महीनोंमें मार्गशीर्ष नामक महीना और ऋतुओंमें बसन्त ऋतु मैं हूँ।) #बृहत्साम : सामवेद की प्रतिष्ठा सर्वाधिक है, जिसका एक कारण गीता  में  स्वंय भगवान द्वारा #वेदानां_सामवेदोऽस्मि समस्त वेदोंमें मैं सामवेद हुँ। सामवेद गीत-संगीत प्रधान है। यद्यपि सामवेद छोटा है परन्तु एक तरह से यह सभी वेदों का सार रूप है और सभी वेदों के चुने हुए अंश इसमें शामिल किये गये है। सामवेद विभिन्न देवताओं द्वारा गाये जाने वाले गीतों का संग्रह है। इन गीतों में से एक ' बृहत्साम ' है जिसकी ध्वनि सुमधुर है और यह अर्धरात्रि

विभूति दर्शन ' क्षमा '

आज अश्विन कृष्ण पक्ष तृतिया दिनांक २७.१०.२०१८ शनिवार 🕉 #कृष्णं_वंदे_जगद्गुरूम् 🕉    🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  🕉 🕉 🕉 श्रीमद् भगवद्गीता के विभूति दर्शन में प्रभु ने कहा है : #मृत्युः_सर्वहरश्चाहमुद्भवश्च_भविष्यताम्। #कीर्तिः_श्रीर्वाक्च_नारीणां_स्मृतिर्मेधा_धृतिः_क्षमा॥ (भ ग १०/३४) (अर्थात् : मैं सर्वभक्षक मृत्यु और भविष्य में होने वालों की उत्पत्ति का कारण हूँ स्त्रियों में कीर्ति, श्री, वाक (वाणी), स्मृति, मेधा, धृति, और क्षमा हूँ।) कीर्ति, श्री, वाणी, स्मृति, मेधा और धृति धैर्य का चिंतन हमने कीया, तत्पश्चात हम प्रभु के अद्भुत उपहार क्षमा का चिंतन करने का प्रयास करेंगे।                #क्षमा अर्थात् #FORGIVENESS बहुत बड़ी बात है। क्षमा कौन कर सकता है ? जिसमें क्षमता CAPACITY हो। कोई भी कमजोर व्यक्ति किसी पहलवान को कहता है कि मैं तूझे क्षमा करता हूं तो यह हास्यास्पद लगता है।           #क्षमा_वीरस्य_भूषणं एक सुन्दर पंक्ति जो बचपन से हमारे संस्कारों में है, ' क्षमा वीरस्य भूषणं ' यानि क्षमा वीरों का आभूषण है। इसका अर्थ हम निकालते आए हैं कि क्षमा करने

विभूति दर्शन धृति धैर्य

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आज अश्विन कृष्ण पक्ष द्वितीया दिनांक २६.१०.२०१८ शुक्रवार  🕉 #कृष्णं_वंदे_जगद्गुरूम् 🕉    🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  🕉 🕉 🕉  श्रीमद् भगवद्गीता के विभूति दर्शन में प्रभु ने कहा है : #मृत्युः_सर्वहरश्चाहमुद्भवश्च_भविष्यताम्। #कीर्तिः_श्रीर्वाक्च_नारीणां_स्मृतिर्मेधा_धृतिः_क्षमा॥ (भ ग १०/३४) (अर्थात् : मैं सर्वभक्षक मृत्यु और भविष्य में होने वालों की उत्पत्ति का कारण हूँ स्त्रियों में कीर्ति, श्री, वाक (वाणी), स्मृति, मेधा, धृति, और क्षमा हूँ।) कीर्ति, श्री, वाणी, स्मृति, और मेधा का चिंतन हमने कीया, तत्पश्चात हम प्रभु के अद्भुत उपहार धृति, धैर्य, धीरज का चिंतन करने का प्रयास करेंगे।              प्रकृति का नियम है जैसे जैसे गति बढती जाती हैं, धैर्य कम होने लगता है। पुरातन काल में बालक को 8 वर्ष की आयु में विद्योपार्जन के लिए गुरुकुल में भेजा जाता था। समय बदला 6 वर्ष की आयु में पाठशाला में भेजने लगे। तत्पश्चात 4 वर्ष की आयु में KG I मे भेजने लगे और अब 2.5 वर्ष की आयु में Pre Nursery में भेजने लगे। समय गतिशीलता का है और सबको अपने बच्चों को न्यूटन और आइन्सटाइन बनाना है। लेकिन सभ

विभूति दर्शन मेधा-बुद्धि

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आज अश्विन कृष्ण पक्ष प्रथमा दिनांक २५.१०.२०१८ गुरुवार  🕉 #कृष्णं_वंदे_जगद्गुरूम् 🕉    🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  🕉 🕉 🕉  श्रीमद् भगवद्गीता के विभूति दर्शन में प्रभु ने कहा है : #मृत्युः_सर्वहरश्चाहमुद्भवश्च_भविष्यताम्। #कीर्तिः_श्रीर्वाक्च_नारीणां_स्मृतिर्मेधा_धृतिः_क्षमा॥ (भ ग १०/३४) (अर्थात् : मैं सर्वभक्षक मृत्यु और भविष्य में होने वालों की उत्पत्ति का कारण हूँ स्त्रियों में कीर्ति, श्री, वाक (वाणी), स्मृति, मेधा, धृति, और क्षमा हूँ।) कीर्ति, श्री, वाणी और स्मृति का चिंतन हमने कीया, तत्पश्चात हम प्रभु के अद्भुत उपहार मेधा यानी बुद्धि का चिंतन करने का प्रयास करेंगे।              #मेधा : बातें समझने और स्मरण रखने की शक्ति - #बुद्धि, #मेधावी #Brilliance, #Intelligence प्रभु का श्रेष्ठ और अनपुम उपहार ' मेधा - बुध्दि ' जो केवल मानव को ही मिली हुई है। बाकी प्राणियों को तो भगवान से केवल #सहज_प्रेरणा #Insting - सहज वृति ही मिली हुई है। भगवान ने केवल मानव को ही यह श्रेष्ठतम उपहार ' बुद्धि ' क्यों दी ? उनकी हमसे क्या आशा अपेक्षाएं होंगी ? क्या यह प्रश्न हमारे दिम

विभूति दर्शन ' स्मृति '

आज अश्विन शुक्ल चतुर्दशी दिनांक २३.१०.२०१८ मंगलवार 🕉 #कृष्णं_वंदे_जगद्गुरूम् 🕉    🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  🕉 🕉 🕉 श्रीमद् भगवद्गीता के विभूति दर्शन में प्रभु ने कहा है : #मृत्युः_सर्वहरश्चाहमुद्भवश्च_भविष्यताम्। #कीर्तिः_श्रीर्वाक्च_नारीणां_स्मृतिर्मेधा_धृतिः_क्षमा॥ (भ ग १०/३४) (अर्थात् : मैं सर्वभक्षक मृत्यु और भविष्य में होने वालों की उत्पत्ति का कारण हूँ स्त्रियों में कीर्ति, श्री, वाक (वाणी), स्मृति, मेधा, धृति, और क्षमा हूँ।) कीर्ति, श्री और वाणी का चिंतन हमने कीया, तत्पश्चात हम प्रभु के अद्भुत उपहार स्मृति का चिंतन करने का प्रयास करेंगे।               #स्मृति #Memory : याद, यादगार, स्मरणशक्ति, धारणा, चेतना। यह स्मरण शक्ति मस्तिष्क में स्थित दिमाग Brain में संग्रहित रहती है। सामान्यत: मानव दिमाग का वजन 1.3 से 1.4 किलो ग्राम होता है। इतने छोटे मस्तिष्क में असंख्य शब्द याद रहते हैं। अनेक प्रकार की सुगन्ध, अनेक प्रकार के स्वाद, अनेक घटनाएं याद रहतीं है। स्मृति यह कितनी अद्भुत और सुन्दर उपहार हैं प्रभु की !                        #सर्वस्य_चाहं_हृदि_सन्निविष्टो_मत्त

शरदपूर्णिमा

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आज अश्विन शुक्ल पूर्णिमा दिनांक १३.१०.२०१९ रविवार  🕉 #कृष्णं_वंदे_जगद्गुरूम् 🕉  🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  🕉 🕉 🕉 शरद  पूर्णिमा हिन्दू पंचांग  के अनुसार आश्विन  मास की पूर्णिमा को शरदपूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहते हैं। ज्‍योतिष के अनुसार, पूरे साल में केवल इसी दिन चन्द्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। इस दिन चंद्रमा की सोलह कलाओं की शीतलता देखने लायक होती है। यह पूर्णिमा सभी बारह पूर्णिमाओं में सर्वश्रेष्ठ मानी गयी गई है। हिन्दू धर्म में इस दिन कोजागर व्रत माना गया है। इसी को कौमुदी व्रत भी कहते हैं। इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। मान्यता है इस रात्रि को चन्द्रमा की किरणों से अमृत झऱता है। तभी इस दिन उत्तर भारत में खीर बनाकर रात भर चाँदनी में रखने का विधान है। शरदपूर्णिमा की चमकती दमकती रात का वैज्ञानिक महत्व : लंकाधिपति रावण शरद पूर्णिमा की रात किरणों को दर्पण के माध्यम से अपनी नाभि पर ग्रहण करता था। इस प्रक्रिया से उसे पुनर्योवन शक्ति प्राप्त होती थी। चांदनी रात में १० से मध्यरात्रि १२ बजे के बीच कम वस्त्रों में घूमने वाले व्यक

विभूति दर्शन ' वाणी' '

आज अश्विन शुक्ल त्रयोदशी दिनांक २२.१०.२०१८ सोमवार  🕉 #कृष्णं_वंदे_जगद्गुरूम् 🕉    🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  🕉 🕉 🕉  श्रीमद् भगवद्गीता के विभूति दर्शन में प्रभु ने कहा है : #मृत्युः_सर्वहरश्चाहमुद्भवश्च_भविष्यताम्। #कीर्तिः_श्रीर्वाक्च_नारीणां_स्मृतिर्मेधा_धृतिः_क्षमा॥ (भ ग १०/३४) (अर्थात् : मैं सर्वभक्षक मृत्यु और भविष्य में होने वालों की उत्पत्ति का कारण हूँ स्त्रियों में कीर्ति, श्री, वाक (वाणी), स्मृति, मेधा, धृति, और क्षमा हूँ।) कीर्ति और श्री का चिंतन हमने कीया, तत्पश्चात हम प्रभु के अद्भुत उपहार वाणी का चिंतन करने का प्रयास करेंगे।              विज्ञान कहता है कि वाणी स्वर यंत्र में SOUND BOX में उत्पन्न होती है। SOUND BOX हमारे गले में रहता है। परंतु स्वर कैसे उत्पन्न होता है, यह विज्ञान ने नहीं समझाया !!! #पाणिनीय_व्याकरण_अष्टाध्यायी में वाणी की उत्पत्ति को सूत्रबद्ध किया है : #आत्मा_बुद्धया_समेत्यार्थान्_मनो_युऽंक्ते_विवक्षया।     #मनः_कायाग्निमाहन्ति_स_प्रेरयति_मारुतम्॥    #मारुतस्तूरसि_चरन्_मन्द्रं_जनयति_स्वरम् ।"       (अर्थात् : आत्मा और बुद्धि दोनों

विभूति दर्शन ' श्री '

आज अश्विन शुक्ल द्वादशी दिनांक २१.१०.२०१८ रविवार   🕉 #कृष्णं_वंदे_जगद्गुरूम् 🕉    🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  🕉 🕉 🕉   श्रीमद् भगवद्गीता के विभूति दर्शन में प्रभु ने कहा है : #मृत्युः_सर्वहरश्चाहमुद्भवश्च_भविष्यताम्। #कीर्तिः_श्रीर्वाक्च_नारीणां_स्मृतिर्मेधा_धृतिः_क्षमा॥ (भ ग १०/३४) (अर्थात् : मैं सर्वभक्षक मृत्यु और भविष्य में होने वालों की उत्पत्ति का कारण हूँ स्त्रियों में कीर्ति, श्री, वाक (वाणी), स्मृति, मेधा, धृति, और क्षमा हूँ।) #श्री का अर्थ है : #लक्ष्मी_ऐश्वर्य_समृद्धि_सफलता_कुशल_सौभाग्य_संपन्नता_धन_प्रचुरता_यश_श्रेय_ख्याति_वैभव आदि है। ऐसे वैभव संपन्न व्यक्ति के नाम के आगे इस वैभव के सूचक #श्री_श्रीमंत_श्रीयुत_श्रीमान_श्रीमती जैसे सम्मानवाचक लगाया जाता है। घर, जमीन, धन, वाहन, साधन संपत्ति, संस्कारी सुपुत्र, आत्यंतिक प्रेम करने वाली पत्नी, वफादार सेवक, सुख दुख में साथ देने वाले मित्र यह सभी ' श्री ' ' लक्ष्मी ' के स्वरूप है। यह यादी बहुत लंबी हो सकती है।    आज लक्ष्मी का अर्थ सिर्फ धन संपदा ही कीया जाता है। लेकिन धन संपदा विपुल मात्रा में हो और उसके

विभूति दर्शन ' कीर्ति '

आज अश्विन शुक्ल एकादशी दिनांक २०.१०.२०१८ शनिवार 🕉 #कृष्णं_वंदे_जगद्गुरूम् 🕉    🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  🕉 🕉  श्रीमद् भगवद्गीता के विभूति दर्शन में प्रभु ने कहा है : #मृत्युः_सर्वहरश्चाहमुद्भवश्च_भविष्यताम्। #कीर्तिः_श्रीर्वाक्च_नारीणां_स्मृतिर्मेधा_धृतिः_क्षमा॥ (भ ग १०/३४) (अर्थात् : मैं सर्वभक्षक मृत्यु और भविष्य में होने वालों की उत्पत्ति का कारण हूँ स्त्रियों में कीर्ति,श्री, वाक (वाणी), स्मृति, मेधा, धृति, और क्षमा हूँ।) #कीर्ति का अर्थ है : #यशस्वी, #ख्याति, #प्रतिष्ठा, #प्रशंसा #कुछ_कहने_जैसा          कोई बालक पाठशाला से घर आकर अपने पिता से कहता है कि आज मैंने किसी को नहीं मारा, किसी के साथ झगड़ा नहीं किया, मैं झुठ नहीं बोला। तब पिता उससे कहते हैं कि तुझे यह सब तो नहीं करना है, लेकिन तु क्या करके आया, यह मुझे समझा। क्या तूने ठीक से पढ़ाई की ? क्या तूने होमवर्क पूरा कीया ? क्या शिक्षक के प्रश्नों के उत्तर ठीक से दीए ? तूने क्या नहीं किया, यह मुझे नहीं जानना। तू क्या करके आया यह जानना है।                    हमारे पास प्रभु को कहने जैसा क्या है ? मैंने यह नहीं किया, वह नह

मनुष्य गौरवदिन

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आज अश्विन शुक्ल एकादशी दिनांक 19.10.2018 शुक्रवार  #मनुष्य_गौरवदिन 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  कृतज्ञता का पाठ शिखाने वाले मेरे पूज्य दादा के जन्मदिन  ' मनुष्य गौरवदिन ' पर कृतज्ञता पूर्वक कोटि कोटि वंदन। દ્રષ્ટિદાતા દાદા તમને વંદન વારંવાર... અમ જીવન નિર્માતા તમને વંદન વારંવાર. भगवद्गीता के कथनानुसार : #देवान्भावयतानेन_ते_देवा_भावयन्तु_वः। #परस्परं_भावयन्तः_श्रेयः_परमवाप्स्यथ॥ (भ ग ३/११) (अर्थात् : भगवान ने कहा कि कहा कि तुम लोग इस कर्तव्यके द्वारा सबकी वृद्धि करो और वह कर्तव्य कर्मरूप यज्ञ तुम लोगोंको कर्तव्य पालनकी आवश्यक सामग्री प्रदान करने वाला हो। अपने कर्तव्य कर्मके द्वारा तुम लोग देवताओंको उन्नत करो और वे देवता लोग अपने कर्तव्यके द्वारा तुम लोगोंको उन्नत करें। इस प्रकार एक-दूसरेको उन्नत करते हुए तुम लोग परम कल्याणको प्राप्त हो जाओगे।) भगवद्गीता के इस विचार से #कृतिभक्ति द्वारा परस्पर संपर्क से अन्तःस्थ भगवान की समज दृढ़ कर मानव मानव में दैवी भातृभाव का रिस्ता बांधकर मानव को #पद, #पैसा, #पजेशन, #पावर #प्रतिष्ठा जैसे #अतिरिक्त_बाह्य_सामाजिक_मूल्यों से अधिक

विजया दशमी महोत्सव

आज अश्विन शुक्ल विजयादशमी दिनांक 18.10.2018 गुरुवार          बुराई पर अच्छाई असत्य पर सत्य का विजयादशमी महोत्सव       🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 #यत्र_योगेश्वरः_कृष्णो_यत्र_पार्थो_धनुर्धरः। #तत्र_श्रीर्विजयो_भूतिर्ध्रुवा_नीतिर्मतिर्मम॥ (भ ग१८/७८) (अर्थात् : जहाँ योगेश्वर श्रीकृष्ण हैं और जहाँ धनुर्धारी अर्जुन है वहीं पर श्री विजय विभूति और ध्रुव नीति है ऐसा मेरा मत है।) गीता सुनकर निर्भय होकर अपने राजा धृतराष्ट्र को उनका सारथी (ड्राइवर) संजय तेजस्विता से कहता है। यह गीता की फलश्रुति रूप अंतिम श्लोक है। विजयादशमी का यह पर्व #अच्छाई_की_बुराई_पर, #सत्य_की_असत्य_पर #धर्म_की_अधर्म_पर विजय का प्रतीक है। यह त्योहार संपूर्ण विश्व को धर्म और सत्य के मार्ग को अपनाने की प्रेरणा देता है। हमें संदेश देता है कि बुरा व्यक्ति चाहे कितना ही बलवान व प्रभावशाली क्यों न हो उसका अंत सुनिश्चित है। मृत्यु पर भी विजय पाने वाले रावण का अंत कर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने अधर्म पर धर्म की विजय दिलाई। हमारे पर्व हमारी संस्कृति व सभ्यता की पहचान हैं। देश में वर्ष भर में अनेकों त्योहार हो

दैवी संपदा ' संतोष '

आज अश्विन शुक्ल अष्टमी दिनांक 17.10.2018 बुधवार 🕉 #शक्ति_उपासना_का_महापर्व_नवरात्र_महोत्सव 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 #नमो_देव्यै_महादेव्यै_शिवायै_सततं_नम:। #नमः_प्रकृत्यै_भद्रायै_नियताः_प्रणताः_स्मताम्॥  #या_देवी_सर्वभूतेषु_तुष्टिरूपेण_संस्थिता। #नमस्तस्यै_नमस्तस्यै_नमस्तस्यै_नमो_नमः॥ जो देवी सब प्राणियों में तुष्टि - संतोष - तृप्ति के रूप में स्थित है, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है। भगवद्गीता में संतोषी को भगवान ने अपना भक्त माना है। #सन्तुष्टः_सततं_योगी_यतात्मा_दृढनिश्चयः। #मय्यर्पितमनोबुद्धिर्यो_मद्भक्तः_स_मे_प्रियः॥ ( भ ग १२/१४) (अर्थात् : सब प्राणियोंमें द्वेषभावसे रहित, सबका मित्र (प्रेमी)' और दयालु, ममतारहित, अहंकाररहित, सुखदुःखकी प्राप्तिमें सम, क्षमाशील, निरन्तर सन्तुष्ट, योगी, शरीरको वशमें किये हुए दृढ़ निश्चयवाला मेरेमें अर्पित मनबुद्धिवाला जो मेरा भक्त है वह मेरेको प्रिय है।) #संतोष_संतुष्ट क्या है ? शास्त्रों के अनुसार ‘अप्राप्य वस्तु के लिए चिंता न करना, प्राप्त वस्तु के लिए सम रहना ही सन्तोष है। ' इससे

दैवी संपदा ' विद्या '

आज अश्विन शुक्ल सप्तमी दिनांक 16.10.2018 मंगलवार 🕉 #शक्ति_उपासना_का_महापर्व_नवरात्र_महोत्सव 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 #नमो_देव्यै_महादेव्यै_शिवायै_सततं_नम:। #नमः_प्रकृत्यै_भद्रायै_नियताः_प्रणताः_स्मताम्॥  #या_देवी_सर्वभूतेषु_विद्यारूपेण_संस्थिता। #नमस्तस्यै_नमस्तस्यै_नमस्तस्यै_नमो_नमः॥ जो देवी सब प्राणियों में विद्या के रूप में स्थित है, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है। #या_कुन्देन्दुतुषारहारधवला_या_शुभ्रवस्त्रावृता  #या_वीणावरदण्डमण्डितकरा_या_श्वेतपद्मासना।  #या_ब्रह्माच्युत_शंकरप्रभृतिभिर्देवैः_सदा_वन्दिता  #सा_मां_पातु_सरस्वती_भगवती_निःशेषजाड्यापहा॥ (अर्थात् जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की है और जो श्वेत वस्त्र धारण करती है, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली विद्या की देवी माँ सरस्वती हमारी रक्षा करें। मैं

दैवी संपदा ' शांति '

आज अश्विन शुक्ल षष्ठी दिनांक 15.10.2018 सोमवार 🕉 #शक्ति_उपासना_का_महापर्व_नवरात्र_महोत्सव 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 #नमो_देव्यै_महादेव्यै_शिवायै_सततं_नम:। #नमः_प्रकृत्यै_भद्रायै_नियताः_प्रणताः_स्मताम्॥  #या_देवी_सर्वभूतेषु_शांतिरूपेण_संस्थिता। #नमस्तस्यै_नमस्तस्यै_नमस्तस्यै_नमो_नमः॥ जो देवी सब प्राणियों में शांति के रूप में स्थित है, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है। #शांति / #Peace के कई प्रतिशब्द है। Peace : शांति, अमन, चैन, शांतिसंधि, नीरवता, निस्तब्धता, स्थिरता, मौनता, सन्नाटा आज मानव के पास दुनिया का पूरा वैभव और सुख-साधन उपलब्ध है परंतु शांति नहीं है। संसार में मनुष्यों द्वारा जितने भी कार्य अथवा उद्यम किए जा रहे हैं सबका एक ही उद्देश्य है ' शांति '। धन-दौलत और संपदा से संसाधन खरीदे जा सकते हैं परंतु शांति नहीं। हम यही सोचते रह जाते हैं कि यह कर लूँगा तो शांति मिल जाएगी। आवश्यकताओं को पूरा करते-करते पूरा समय निकल जाता है और न तो शांति मिलती है और न ही खुशी। बाह्य शोरगुल रहित भौतिक शांति अलग बात है। यह भौतिक शांत

दैवी संपदा ' चैतन्य '

आज अश्विन शुक्ल पंचमी/षष्ठी दिनांक 14.10.2018 रविवार 🕉 #शक्ति_उपासना_का_महापर्व_नवरात्र_महोत्सव 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 #नमो_देव्यै_महादेव्यै_शिवायै_सततं_नम:। #नमः_प्रकृत्यै_भद्रायै_नियताः_प्रणताः_स्मताम्॥  #या_देवी_सर्वभूतेषु_चेतनेत्यभिधीयते।  #नमस्तस्यै_नमस्तस्यै_नमस्तस्यै_नमो_नमः॥ जो देवी सब प्राणियों में चेतना कहलाती हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है। संसार के प्रत्येक प्राणी की सार्थकता तब तक है; जब तक उसमे चैतन्य, प्राण (Consciousness) है। प्राण-विहीन शरीर तो शव बन जाता है। प्राण विद्यमान होने के कारण ही वह प्राणी कहलाता है। शरीर मे जब तक प्राण रहता है तब तक उसमे चेतना रहती है। दूसरे अर्थों मे चेतना ही प्राण है। शरीर की यह चेतना उस परमाराध्या भगवती के अस्तित्व का ही द्योतक है। अतः स्पष्ट है कि वह देवी समस्त प्राणियों मे चेतना रूप मे विद्यमान है। इसलिए उन्हें बारंबार नमस्कार है। सर्वसमान्यतः चैतन्य-चेतना को ही आत्मा समजा जाता है। लेकिन आत्मा और चैतन्य में भेद है। आत्मा #अणु_स्वरूप याने अत्यंत सूक्ष्म होती है। जीवात्मा

दैवी संपदा ' श्रद्धा '

आज अश्विन शुक्ल चतुर्थी दिनांक 13.10.2018 शनिवार #नमो_देव्यै_महादेव्यै_शिवायै_सततं_नम:। #नमः_प्रकृत्यै_भद्रायै_नियताः_प्रणताः_स्मताम्॥  🕉 #शक्ति_उपासना_का_महापर्व_नवरात्र_महोत्सव 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 #या_देवी_सर्वभूतेषु_श्रद्धारूपेण_संस्थिता।  #नमस्तस्यै_नमस्तस्यै_नमस्तस्यै_नमो_नमः॥ जो देवी समस्त प्राणियों में श्रद्धा, आदर, सम्मान के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। भगवद्गीता में भगवान ने श्रद्धा के लिये संपूर्ण #श्रद्धात्रयविभागयोग नामक १७ वें अध्याय में #त्रिविधा_श्रद्धा सात्विकी, राजसी एवं तामसी को विस्तृत रूप से समजाया है। #त्रिविधा_भवति_श्रद्धा_देहिनां_सा_स्वभावजा।  #सात्त्विकी_राजसी_चैव_तामसी_चेति_तां_श्रृणु॥ (भ ग १७/२) (भावार्थ : श्री भगवान्‌ ने कहा - शरीर धारण करने वाले सभी मनुष्यों की श्रद्धा प्रकृति गुणों के अनुसार सात्विक, राजसी और तामसी तीन प्रकार की ही होती है, अब इसके विषय में मुझसे सुन।) हम नवरात्र में शक्ति स्वरूपा माँ की उनकी ही दी हुई शक्ति से विविध शक्तियो

दैवी संपदा ' बुद्धि '

आज अश्विन शुक्ल तृतिया दिनांक 12.10.2018 शुक्रवार #नमो_देव्यै_महादेव्यै_शिवायै_सततं_नम:। #नमः_प्रकृत्यै_भद्रायै_नियताः_प्रणताः_स्मताम्॥  🕉 #शक्ति_की_उपासना_का_महापर्व_नवरात्र_महोत्स 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 #या_देवी_सर्वभूतेषु_बुद्धिरूपेण_संस्थिता।  #नमस्तस्यै_नमस्तस्यै_नमस्तस्यै_नमो_नमः॥ जो देवी सब प्राणियों में बुद्धिरूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है। भगवद्गीता में भगवान ने बुद्धि की श्रेष्ठता के विषय मे कहा है : #इन्द्रियाणि_पराण्याहुरिन्द्रियेभ्यः_परं_मनः । #मनसस्तु_परा_बुद्धिर्यो_बुद्धेः_परतस्तु_सः॥ (भ ग ४/४२) (अर्थात् : इन्द्रियोंको स्थूल शरीरसे पर (श्रेष्ठ) कहते हैं; इन्द्रियोंसे श्रेष्ठ मन है, मनसे भी पर बुद्धि है और जो बुद्धिसे भी पर है वह (आत्मा) है।) परमात्मा के अंश आत्मा के बाद सर्वश्रेष्ठ कोई है तो वह बुद्धि ही है। हम नवरात्र में शक्ति स्वरूपा माँ की उनकी ही दी हुई शक्ति से विविध शक्तियों का भावपूजन कर रहे है। बुद्धि (Intelligence) वह मानसिक शक्ति है जो वस्तुओं एवं तथ्यों को समझने, उनमें आपस

दैवी संपदा ' शक्ति '

आज अश्विन शुक्ल द्वितिया दिनांक 11.10.2018 गुरुवार #नमो_देव्यै_महादेव्यै_शिवायै_सततं_नम:। #नमः_प्रकृत्यै_भद्रायै_नियताः_प्रणताः_स्मताम्॥ 🕉 #शक्ति_की_उपासना_का_महापर्व_नवरात्र_महोत्सव 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 #या_देवी_सर्वभूतेषु_शक्ति_रूपेण_संस्थिता। #नमस्तस्यै_नमस्तस्यै_नमस्तस्यै_नमो_नमः॥ जो देवी सभी प्राणियों में शक्ति के रूप में स्थित है, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। #दैवीशक्ति : ईश्वर की वह माया है जो उसकी आज्ञा से सब काम करनेवाली और  सृष्टिरचना करनेवाली मानी जाती है। यह अनंतरूपा और अनंत सामर्थ्यसंपन्ना कही गई है। यही शक्ति जगत् रूप में व्यक्त होती है और प्रलयकाल में समग्र चराचर जगत् को अपने में विलीन करके अव्यक्तरूपेण स्थित रहती है। यह जगत् वस्तुत: उसकी व्यवस्था का ही नाम है। गीता में वर्णित योगमाया यही शक्ति है जो व्यक्त और अव्यक्त रूप में हैं। #कृष्ण_योगमायामुवाश्रित: होकर ही अपनी लीला करते हैं। #राधा उनकी #आह्वादिनी शक्ति है। #शिव शक्तिहीन होकर कुछ नहीं कर सकते। #शक्तियुक्त शिव ही सब कुछ करने में, न करने में, अन्यथा करन

दैवी संपदा ' मातृरूपेण '

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आज अश्विन शुक्ल प्रथमा दिनांक 10.10.2018 बुधवार नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:। नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियताः प्रणताः स्मताम्॥ 🕉 शक्ति उपासना का महापर्व नवरात्र महोत्सव 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉  🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 #या_देवी_सर्वभूतेषु_मातृरूपेण_संस्थिता। #नमस्तस्यै_नमस्तस्यै_नमस्तस्यै_नमो_नमः॥ नवरात्र के पीछे की पौराणिक कथा से हम सब विदित है। #महिषासुर नामक असुर ने अपने सामर्थ्य से चारो तरफ #त्राहिमाम् बरता हुआ था। दैवी विचारों पर आसुरी शक्ति के बादल छा गये थे। हिम्मत हारे देवों ने #ब्रह्मा, #विष्णु और #महेश की आराधना किया। देवों की आराधना से प्रसन्न भगवान महिषासुर पर क्रोधित हुए। उनके पुण्यप्रकोप से एक #दैवीशक्ति निर्माण हुई। देवो ने इस दैवी शक्ति का जयजयकार कर उनका पूजन किया। और सबने अपने दिव्य आयुधों से दैवी शक्ति को मंडित किया। इस दैवीशक्ति ने नव नव दिन तक अविरत युद्ध के पश्चात महिषासुर का वध किया। आसुरी वृति का दमन कर दैवी संपत्तिकी पुन:स्थापना किया, देवों को अभयदान दिया यह दैवीशक्ति ही हमारी #माँ_जगद्जननी_जगदंबा। नवरात्र के दिन याने शक्ति की उपासना